नारी डेस्क: अधिकतर महिलाओं में मेनोपॉज 45 से 55 साल की उम्र के बीच होता है। लेकिन कई बार कुछ महिलाओं को यह समय से पहले यानी 40 की उम्र से पहले ही झेलना पड़ता है, जिसे प्रीमैच्योर मेनोपॉज या प्रीमैच्योर ओवेरियन फेल्योर (POF) कहा जाता है। यह केवल पीरियड्स बंद होने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर महिलाओं की शारीरिक, मानसिक और प्रजनन क्षमता पर भी गहरा होता है।
प्रीमैच्योर ओवेरियन फेल्योर (POF) क्या होता है?
जब किसी महिला के अंडाशय 40 वर्ष की उम्र से पहले हार्मोन बनाना बंद कर देते हैं या बहुत कम मात्रा में बनाते हैं, तो यह स्थिति POF कहलाती है। इसका मतलब यह नहीं कि सिर्फ पीरियड्स रुक जाते हैं, बल्कि इसके साथ-साथ शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे जरूरी हार्मोन भी कम हो जाते हैं, जो महिला स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं।

समस्याएं जो POF से जुड़ी होती हैं
सबसे पहली समस्या होती है गर्भधारण में कठिनाई। महिला की प्रजनन क्षमता कम हो जाती है या पूरी तरह खत्म हो सकती है। इसके अलावा हार्मोनल बदलाव के कारण शरीर के कई हिस्सों पर असर पड़ता है। हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और दिमागी संतुलन भी बिगड़ सकता है।
हड्डियों पर असर
एस्ट्रोजन की कमी से हड्डियों की ताकत घटने लगती है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। महिलाओं की हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं, जो भविष्य में चलने-फिरने में भी परेशानी पैदा कर सकती हैं।

दिल की सेहत पर असर
एस्ट्रोजन महिलाओं के दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है। जब यह हार्मोन कम हो जाता है, तो कोलेस्ट्रॉल लेवल बिगड़ता है और ब्लड वेसल्स की कार्यक्षमता घटने लगती है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।
मेंटल हेल्थ पर असर
समय से पहले मेनोपॉज होने से महिलाओं की मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ता है। इसमें चिंता, डिप्रेशन, मूड स्विंग्स और नींद की समस्या आम हो जाती हैं। साथ ही, महिलाओं को भावनात्मक उतार-चढ़ाव और आत्मविश्वास में कमी का सामना करना पड़ सकता है।
त्वचा और बालों की स्थिति पर असर
एस्ट्रोजन की कमी के कारण महिलाओं की त्वचा समय से पहले बूढ़ी लगने लगती है और बाल गिरने या पतले होने की समस्या बढ़ जाती है। इससे आत्म-विश्वास पर भी असर पड़ सकता है।

समय से पहले मेनोपॉज के कारण
POF के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे
आनुवांशिक समस्याएं
ऑटोइम्यून रोग
कीमोथेरेपी या रेडिएशन
अत्यधिक तनाव
हार्मोनल असंतुलन
पर्यावरणीय प्रदूषण
इन कारणों से अंडाशय समय से पहले काम करना बंद कर सकते हैं, जिससे हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है।
बचाव और समाधान
महिलाओं को चाहिए कि वे एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। इसमें पौष्टिक आहार लें जिसमें कैल्शियम और विटामिन D भरपूर हो, साथ ही रोजाना व्यायाम करें और तनाव से बचें। मानसिक स्वास्थ्य के लिए परामर्श लेना और सामाजिक समर्थन भी बहुत जरूरी है।
नियमित जांच है जरूरी
समय से पहले मेनोपॉज का पता लगाने और उसे नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर से हार्मोनल टेस्ट, अंडाशय की जांच और अन्य टेस्ट करवाना जरूरी है। ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) की सलाह देते हैं, जिससे हार्मोन की कमी पूरी की जा सकती है और हड्डी, दिल और दिमाग को स्वस्थ रखा जा सकता है।
खुद की देखभाल भी है जरूरी
महिलाओं को अपनी स्किन और बालों का भी ख्याल रखना चाहिए। समय से पहले मेनोपॉज के कारण होने वाले बदलावों को नजरअंदाज न करें। त्वचा की देखभाल, सही डायट, और डॉक्टर की सलाह से इन समस्याओं से निपटा जा सकता है।
सचेत रहें और समय रहते कदम उठाएं
समय से पहले मेनोपॉज महिलाओं के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य मुद्दा हो सकता है, लेकिन सही जानकारी, नियमित जांच और उचित इलाज से इसे मैनेज किया जा सकता है। महिलाओं को चाहिए कि वे अपने शरीर की बात सुनें, किसी भी बदलाव को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से समय पर सलाह लें। एक सजग जीवनशैली और मानसिक मजबूती के साथ महिलाएं इस चुनौती का सामना कर सकती हैं और स्वस्थ जीवन जी सकती हैं।